काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का प्रांगण किसी भी छात्र के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है .. सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले इस विश्वविद्यालय से निकले हुए छात्रों ने ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी ऊँचा नाम कमाया है और यही वह गौरवशाली इतिहास है जिसके बदौलत आज देश के सभी छात्रों का सपना होता है कि वे अपनी पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय या बीएचयू से पूरी करें .. मालवीय जी की कठिन तपस्या का परिणाम है काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जिसने पूर्वांचल सहित पूरे प्रदेश और देश के विभिन्न भागों से आए छात्रों के लिए समुचित शिक्षा और मार्गदर्शन का काम किया है ..1300 एकड़ मे फैले इस अर्ध - चंद्राकार प्रांगण में पढ़ने वाला हर छात्र बड़े गर्व से यह कहता फिरता है कि वह बीएचयू का छात्र है, जिसमे मैं खुद शामिल हूँ, और सामने वाला व्यक्ति भी उसे समुचित इज्जत देता है .. पर हाल के दिनों में प्रांगण से जो घटनाएं ख़बरों में आयी उससे दिल दहल गया...